VIGHNESHWAR NATH (विध्नेश्वर नाथ जी -100)
January 31, 2022GUPTA HARIJI (गुप्तहरि -97)
January 31, 2022
पता- यह स्थान चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर ककरही बाजार से पश्चिम दिशा की ओर 800 मीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर है।
शिलालेख- मंदिर के दक्षिणी भाग में बिल्कुल सड़क के किनारे पर यह शिलालेख लगा हुआ है।
मान्यता- यमस्थल वर्तमान में जमथरा घाट के रूप में प्रसिद्ध है। इसी स्थान पर हिन्दुओं का अन्तिम संस्कार सम्पादित किया जाता है। चूँकि यह स्थल अयोध्या की चौदह कोसी परिक्रमा परिधि में पड़ता है,इसलिए यंहा पर शवों के अन्तिम संस्कार करने की प्राचीन परम्परा रही है।अनेक धर्मिक ग्रंथों एवं हिन्दू जनमानस में व्याप्त भावना से यह मान्यता मिलती है की अयोध्या धाम के सरयू तट पर मृतक के अन्तिम संस्कार करने पर उसको इस संसार में आवागमन के बंधन से मुक्ति मिलती है। घाट के पश्चिम ओर यमस्थल तीर्थ के परिसर में एक हनुमान मंदिर स्थित है जिसे श्री सीता राम श्री सकंटमोचन हनुमान मंदिर कहा जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यमस्थल अयोध्या धाम का सबसे सुव्यवस्थित श्मशान है। अयोध्या नगर के समाजसेवियों द्वारा समय समय पर जमथरा घाट का सुन्दरीकरण कार्य कराया जाता है जिसमे मुख्य रूप से रोटरी क्लब एवं नगर के रिकाबगंज स्थित शान-ए-अवध होटल परिवार मुख्य हैं। जमथरा घाट पर वर्ष के किसी भी समय दाह संस्कार किया जा सकता। वर्षा ऋतू में असुविधा न हो इसके लिए यंहा टीन सेड के नीचे दाह संस्कार की व्यवस्था की गई है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों से बातचीत के आधार पर ज्ञात हुआ की स्थानीय जन यंहा की व्यवस्थाओ से संतुष्ट हैं।