PINDARAKAJI (पिण्डारक-37)
February 1, 2022VIGHNESHAJI (श्री विध्नेश-35)
February 1, 2022
पता- अयोध्या डाक घर से झुनकी घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर लगभग 600 मीटर आगे जाने पर बायीं ओर यह कुण्ड स्थित है।
शिलालेख- कुण्ड के मुख्य द्वार के दायीं ओर चारदीवारी में यह शिलालेख लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार कनक भवन के उत्तर में स्थित विभीषण कुण्ड में स्थान पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वर्तमान स्थिति- एक वर्ष पहले सरकारी योजना के तहत विभीषण कुण्ड का जीर्णोद्धार कराया गया था। कुण्ड के चारों ओर चारदीवारी बनी हुई है। कुण्ड का स्वरूप बहुत सुंदर है। परंतु रख रखाव के अभाव में यंहा चारों ओर बड़ी बड़ी झाड़ियां उग गई हैं।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय प्रशासन को कुण्ड के रख रखाव के लिए स्थानीय पार्षद को जिम्मेदारी देनी चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत