CHANDRAHARI (चन्द्रहरि-80)
January 31, 2022LAKSHMAN GHAT (लक्ष्मण घाट-78)
January 31, 2022
पता- यह स्थान राम की पैड़ी पर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख वैदेही मंदिर के बाहर दीवाल से सटा कर लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार अयोध्यापुरी में सर्वप्रथम स्वर्गद्वार तीर्थ ही प्रकट हुआ था। इसे मुक्तिद्वार भी कहा जाता है। पुराणों में वर्णित यह तीर्थ सहस्त्रधारा (लक्ष्मण घाट) से पूर्व दिशा की ओर लगभग छः सौ छत्तीस धनुष की लम्बाई में है।
मान्यता- मान्यताओं के अनुसार यंहा की यात्रा प्रत्येक एकादशी को करनी चाहिए। दर्शन से पूर्व सरयू जी में स्नान अवश्य करना चाहिए।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में अयोध्या में स्वर्गद्वार नाम से पूरा एक मोहल्ला है एवं जिस स्थान पर एडवर्ड तीर्थ विवेचनी सभा का शिलालेख लगा है, वह स्थान वैदेही मंदिर के नाम से जाना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में मुख्य रूप से सवालाख शालिग्राम भगवान एवं हनुमान जी के 16 अवतार स्थापित हैं। मान्यताओं के अनुसार इस स्थान पर सभी देवी देवताओं की पूजा होती है। मंदिर के गर्भगृह में अतिप्राचीन शंख भी रखे गए हैं।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय निवासी यंहा साफ सफाई को लेकर बहुत नाराज दिखे उनका कहना था। यह स्थान अयोध्या के प्रमुख दार्शनिक स्थलों में से एक है बावजूद इसके यंहा साफ सफाई का भारी अभाव दिखाई देता है।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत