पता- अशर्फी भवन से झुनकीघाट जाने वाले मार्ग पर यह घाट स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख चौराहे पर बायीं ओर सड़क के किनारे असुरक्षित स्थिति में लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार ब्रह्मकुण्ड से 700 धनुष की दूरी पर ईशानकोण पर सरयू जी के जलमध्य में यह ऋणमोचन नामक तीर्थ है। इस तीर्थ में श्री लोमश जी ने तीर्थ यात्रा प्रसंग से आकर विधिपूर्वक स्नान किया। वे लोमश जी इस ऋणमोचन तीर्थस्थान से पापरहित था देव,पितृ, ऋषि इन तीनों ऋणों से निर्मुक्त हो गए। श्री लोमश जी ने इस तीर्थ के अनेक गुणों एवं महिमा को आश्चर्यपूर्ण देखकर प्रसन्नता पूर्वक बोले यह ऋणमोचन तीर्थ सर्वोत्तम है। इस तीर्थ में स्नान करने से मनुष्य लोक परलोक के चिंताओं तथा तीनों ऋणों से छूट जाता है।
मान्यता- मान्यता अनुसार कुछ वर्षों पूर्व तक ऋणमोचन सरयू जी के किनारे पर एक घाट हुआ करता था, परंतु सरयू जी की भौगोलिक स्थिति धीरे धीरे बदल गई और वह पीछे चली गईं जिससे यह घाट यंहा से दूर हो गया।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में इस स्थान के नाम से यंहा एक चौराहा एवं मोहल्ला स्थित है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों को इस शिलालेख और स्थान के विषय में कोई जनकारी नहीं है।
स्वटिप्पणी- शिलालेख को सुरक्षित किया जाए।