KUSUMAYUDH KUND (कुसुमायुध कुण्ड-89)
January 31, 2022NARAYAN TIRTH (नारायण कुण्ड-87)
January 31, 2022
पता- यह स्थान मंडलीय चिकित्सालय दर्शन नगर के भीतर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख को गायब कर दिया गया है और कुण्ड पर अवैध कब्जा कर लिया गया है।
किवदंती- रति देवी का उल्लेख प्राचीन काल से ही वेद,शतपथ ब्राह्मण एवं उपनिषदों में होता चला आ रहा है। इन परंपराओं में इसे सौंदर्य की अधिष्ठात्री देवी एवं उषा के समकक्ष कहा गया है। पौराणिक परंपरा में दक्ष की पुत्री एवं शतपथ ब्राह्मण के अनुसार गंधर्व कन्या के रूप में इनका उल्लेख मिलता है। दक्ष एवं गंधर्व वस्तुतः विलासी जातियां रही है। इन्हें कामदेव की अर्धांगिनी भी कहा जाता है।
वर्तमान स्थिति- पौराणिक ग्रंथों को पढ़ के एवं आस पास के बुजुर्ग लोगों से बातचीत करने के पश्चात ज्ञात हुआ की यह स्थान दर्शन नगर ट्रामा सेंटर के अन्दर है। मगर वर्तमान में इसे पाटने का कार्य किया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की राय- ज्यादातर स्थानीय जनों को इस स्थान के विषय में जानकारी नहीं है।
स्वटिप्पणी- शासन प्रशासन के द्वारा स्थान का जीर्णोधार किया जाना चाहिए एवं स्थानीय जनों को इस स्थान के विषय से अवगत कराया जाये।