SHRAWANASHRAM (श्रवणाश्रम -121)
January 28, 2022TAMSA (तमसा नदी ( गौरा घाट )-119)
January 28, 2022
पता- अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर लगभग 50 किलोमीटर आगे जाने पर बसौढ़ी नामक स्थान से बायीं ओर जाने वाले मार्ग पर 3 किलोमीटर अंदर जाने पर लखनीपुर ग्राम में स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख हनुमान मंदिर के द्वार पर सुरक्षित लगा हुआ है।
किवदंती- रूद्रयामल ग्रन्थ के अनुसार यह माण्डव्य ऋषि की तपोस्थली रही है। यंही तमसा नदी उद्गगम स्थल भी है। रूद्रयामल में इस स्थान के वर्णन में लिखा है कि यह वन अनेक वृक्षों से मनोहर है। इसी कारण इस सुंदर वन को प्रमोदकवन कहा गया है।
मान्यता- वर्तमान समय में यंहा एक हनुमान जी का मंदिर है। जिसकी मान्यता है कि यंहा विधिपूर्वक पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। प्रत्येक वर्ष 1 फरवरी को यंहा एक विशाल मेला लगता है एवं एक भंडारे का भी आयोजन किया जाता है।
वर्तमान स्थिति- अभी हाल के वर्षों में तमसा नदी के उद्गगम स्थल का मनरेगा योजना के तहत सुन्दरीकरण कराया गया है। जिसमें उस स्थान का के साथ साथ पूरी तमसा नदी को पुनः खुदवा कर जीवित किया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है यंहा स्थित प्रमोदवन में माण्डव्य ऋषि के स्थान पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा एक अवैध मजार बना दी गई है। जिसे प्रशासन को शीघ्र ही हटवा कर उस स्थान पर पुनः माण्डव्य ऋषि का आश्रम बनाया जाए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत हूँ