MATTAGAJENDRAJI (मत्तगजेंद्र जी-38)
February 1, 2022
VIBHISHAN KUND (विभीषण कुण्ड-36)
February 1, 2022

PINDARAKAJI (पिण्डारक-37)

पता- यह स्थान भी मत्तगजेंद्र जी के मंदिर के ठीक पीछे के जंगल में विघ्नेश जी से पूर्व में स्थित है। शिलालेख- शिलालेख झाड़ियों के मध्य लगा हुआ है। किवदंती- अयोध्या महात्यम में रामकोट के वर्णन में पिण्डारक जी का नाम भी आता है। यंहा इनका वर्णन पिण्डारक वीर के रूप में किया गया है। मान्यता- मान्यताओं के अनुसार पिण्डारक जी रामकोट के रक्षकों में से एक थे। वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यह स्थान विघ्नेश जी के बगल में स्थित है। यह स्थान पूर्णतया नष्ट हो चुका है। इसके बगल एक नवनिर्मित भवन का कूड़ा यंही फेका जाता है। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों को इस स्थान एवं पिण्डारक जी के विषय में कोई जानकारी नहीं है। स्वटिप्पणी- विघ्नेश जी के साथ साथ इस स्थान का भी जीर्णोद्धार किया जाए।

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