GANESHA KUND (गणेश कुण्ड-59)
February 1, 2022KHARJU KUND (खर्जू कुण्ड-57)
February 1, 2022
पता- विद्याकुण्ड चौराहे से रानोपली की ओर जाने वाले मार्ग पर 200 मीटर आगे जाने पर बायीं ओर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख मणिपर्वत के सामने लगे पुरातत्व विभाग के बोर्ड से सटा कर लगा हुआ है।
किवदंती- श्री अयोध्या महात्यम के अनुसार प्राचीन काल में मणि पर्वत अनेक प्रकार के वृक्षों,लताओं,लताकुओं से घिरा हुआ था। एक कथा के अनुसार एक बार माता जानकी ने प्रभु श्री राम से आग्रह किया कि प्रभु अगर आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो अयोध्या में क्रीड़ा करने के लिए एक दिव्य पर्वत लाइये क्योंकि आप तो रघुवंशशिरोमणि हैं।
प्रभु श्री राम ने उसी समय पक्षियों के राजा गरुण जी का स्मरण किया,स्मरण करते ही पक्षिराज गरुण वंहा उपस्थित हुए एवं प्रभु श्री राम से सेवा हेतु आज्ञा मांगी। श्री राम ने उनसे कहा हे बिनता पुत्र आप कुबेर जी के उत्तर दिशा में जाकर शीघ्र ही मंगलमय मणियों का पर्वत ले आइये। गरुण देव आज्ञा अनुसार कौवेरी दिशा में जाकर मणियों से युक्त पर्वत को श्री राम जी के लिए लाकर खेड़े हो गए और श्री राम जी से पूछा कि जो स्थान महारानी जानकी की को प्रिय हो वह स्थान बतलाइये। श्री राम जी ने कहा हे पक्षीराज आप इस पर्वत को विद्याकुण्ड के समीप ही पश्चिम दिशा में रखिये। गरुण देव ने पर्वत को वंही स्थापित किया और श्री राम की परिक्रमा कर के स्वर्ग को चले गए।
मान्यता- मान्यताओं के अनुसार आज भी अयोध्या का सावन झूला मेला यंही लगता है।यह पर्वत सुमेरु तथा मन्दराचल पर्वत के तुल्य भी पाप कर्मों की राशि मणिपर्वत के दर्शन मात्र से क्षण में ही नष्ट हो जाती हैं।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में मणिपर्वत पर स्थित मंदिर अत्यंत जर्जर हालत में है। मंदिर के गर्भगृह में रामजानकी जी के साथ मुख्य रूप से भगवान मणि जी की पूजा भी की जाती है। पर्वत के नीचे कुछ दिन पूर्व एक नए मार्ग को बनाने का कार्य प्रारंभ किया गया था मगर वह भी अभी अधूरा ही रोक दिया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय दुकानदार बाबूराम बताते हैं। यह स्थान पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अंतर्गत आता है मगर स्थान के संरक्षण के लिए कोई प्रयास नहीं किये गए हैं। मंदिर के बाहर प्रशासन द्वारा लिखवा दिया गया है कि मंदिर जर्जर है कभी भी दुर्घटना हो सकती संभल कर जाइये। इससे यंहा आने वाले श्रद्धालु हम लोगों से पूछते हैं कि मंदिर का जीर्णोद्धार क्यों नहीं किया जा रहा? जिसका हमारे पास कोई जबाब नहीं होता।
स्वटिप्पणी- शीघ्र ही मानक के अनुरूप यंहा का जीर्णोद्धार कार्य कराया जाना चाहिए।