KANAK BHAWAN (कनक भवन-8)
February 2, 2022SITA RASOI (सीता रसोइ-5)
February 2, 2022
पता- हनुमान गढ़ी से रत्न सिंहासन की ओर जाने वाले मार्ग पर सीधे 550 मीटर आगे जाने पर दायीं ओर यह मंदिर स्थित है।
शिलालेख- मंदिर के मुख्य द्वार के बायीं ओर लगा हुआ है।
किवदंती- यह सर्व ज्ञात है माता कैकेयी राजा दशरथ की तीन महारानियों में से एक थीं माता कैकेयी राजा दशरथ की सबसे प्रिय रानी थीं तथा महाराज दशरथ के चार पुत्रों में से एक भरत जी की माता थीं। कैकेयी का समान्य अर्थ होता है ‘केकय देश की राजकुमारी’
मान्यता- मान्यताओं के अनुसार यह स्थान माता कैकेयी का भवन था जो और भरत जी का जन्म इसी महल में हुआ था। वर्त्तमान में इस स्थान को वेदमंदिर के नाम से जाना जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में मंदिर परिसर बहुत बेहतर ढंग से व्यवस्थित किया गया है। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही एक भव्य नवनिर्मित वेद मंदिर बना हुआ है। मंदिर के पुजारी जी बताते हैं। इसका निर्माण स्वामी रामकुमार दास जी ने सन 1985 में प्रारंभ कराया था। यंहा तुलसी जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। मंदिर परिसर में गौशाला, सन्तनिवास, उद्यान आदि भी निर्मित हैं।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है इतना भव्य मंदिर होने के बाद भी जानकारी के अभाव में दर्शनार्थियों की संख्या कम रहती है। स्थान के विषय में प्रचार प्रसार की आवश्यकता है।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत