CHAKRA HARI (चक्रहरि -98)
January 31, 2022NIRMALI KUND (निर्मली कुण्ड -95)
January 31, 2022
पता- यह घाट अयोध्या घाम से दक्षिण-पश्चिम दिशा में सरयू नदी के किनारे पर है। अयोध्या नगर में यह स्थान सर्व ज्ञात है।
शिलालेख- यह शिलालेख बीच से खण्डित है। यंहा के स्थानीय पुजारी जी से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ की जब गोप्रतारघाट में सीढ़ियों और घाट के सुंदरीकरण का कार्य चल रहा था। तो एक बड़ी मशीन शिलालेख से टकरा गई थी।जिससे यह शिलालेख खंडित हो गया था। जिस कारण वंहा कार्य कर रहे मजदूरों को पुजारी जी के क्रोध का सामना करना पड़ा और इस क्रोध से बचने के लिए। मजदूरों ने गोंद की सहायता से शिलालेख को पुनः जोड़ दिया। वर्तमान में यह शिलालेख घाट के किनारे सुरक्षित स्थिति में लगा हुआ है। इस शिलालेख के साथ में दो और शिलालेख यंही स्थापित किये गए हैं। जिस पर अंग्रेजी में अंकित है कि इस क्षेत्र में मछली पकड़ने और शिकार करने पर रोक है।
किवदंती- अयोध्या महात्म्य का एक श्लोक इस प्रकार है-
तीर्थ तदुत्तरे श्रेष्ठं गोप्रताराभिधं महत्।
विष्णु स्थानं च तत्रैव नाम्ना गुप्तहरि: स्मृत:।।
अर्थात यह स्थान देवताओं को भी बल देने वाला है। देवताओं के बल-वर्धनाथ स्वयं भगवान विष्णु भी आकर गुप्त रूप से तप किये थे। इसी कारण उसी समय से यंहा गुप्तहरि जी की पूजा प्रसिद्ध हुई।
मान्यता- मान्यता अनुसार माना जाता है। जब स्वयं प्रभु श्रीराम जी ने स्वर्ग की ओर प्रस्थान किया। तो उन्होंने माँ सरयू की गोद मे इसी स्थान पर उनके जल में विलीन हुए थे। इसी स्थान से पूर्व दिशा में यम स्थल नामक स्थान है जँहा अयोध्यावासी मृत्यु के बाद दाहसंस्कार के लिए लाए जाते हैं और दाहसंस्कार के पश्चात उनके परिजन इसी घाट पर स्नान पूजन कर के मृत्यु को प्राप्त होने वाले के लिए मोक्ष की कामना करते हैं।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यह स्थान अयोध्या नगर वासियों के लिए प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है और इस स्थान की स्थिति बेहतर है। यंहा के पुजारी श्री शिवप्रसाद तिवारी जी बताते हैं। यंहा प्रत्येक वर्ष तीन मेले लगते हैं। राम नवमी के मेला, शरद पूर्णिमा का मेला एवं कार्तिक पूर्णिमा का मेला।
स्वटिप्पणी- वर्तमान में यह स्थान पूर्ण रूप से पर्यटन स्थल के रूप में बदल चुका है। मेरा मानना है सरकार को प्रयास कर के इस स्थान के धार्मिक महत्वों का प्रचार प्रसार करना चाहिए जिससे स्थान का धार्मिक अस्तित्व भी बचा रहे।