VISHNUHARI (विष्णुहरि-70)
February 1, 2022URVASHI KUND (उर्वशी कुण्ड-68)
February 1, 2022
पता- यह स्थान अयोध्या में स्थित साकेत महाविद्यालय के ठीक सामने स्थित है।
शिलालेख- मंदिर प्रांगण में सुरक्षित लगा हुआ है।
किवदंती- राम नगरी अयोध्या में स्थित माता चुटकी देवी का स्थान हैं। जंहा भादौ शुक्ल तृतीय के दिन भव्य मेला का आयोजन किया जाता हैं इस मेले में भारी संख्या में महिलाये मंदिर में पूजा पाठ करती हैं। ग्रंथो में वर्णित हैं कि भगवान राम व लक्ष्मण को अहिरावन से बचाने के लिए हनुमान जी देवी का रूप धारण कर अहिरावन का वध कर भगवान राम को व लक्ष्मण को मुक्त कराया था। वही देवी स्वरूप देवी माता का दर्शन होता है। भगवान हनुमान को चुटकी बजाने का बहुत शौक था जिसके कारण इस स्थान चुटकी देवी के नाम से जाना जाता है। आज के दिन इस देवी स्वरूप मंदिर में मेला आयोजन किया जाता है।
मान्यता- अयोध्या साकेत महाविद्यालय के सामने स्थित चुटकी देवी मंदिर में हरितालिका तीज पर परंपरागत रूप से मेले का आयोजन किया जाता है। सायंकाल माता की भव्य झांकी और जागरण का आयोजन होता है। इस कार्यक्रम के संयोजक श्री वीरेश श्रीवास्तव ने बताया कि लगातार 88 वर्ष से हरितालिका तीज पर्व पर चुटकी देवी मंदिर में मां की भव्य झांकी सजाकर सांस्कृतिक, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। उन्होंने बताया कि हरितालिका तीज पर्व पर सुबह चुटकी देवी माता का विधिवत पूजन किया जाता है साथ ही सायंकाल विभिन्न प्रकार के सुगंधित पुष्पों से मां की भव्य फूलबंगला झांकी सजाई जाती है। शाम पांच बजे से भक्त मां की झांकी का दर्शन करने आ जाते हैं।रात्रि में जागरण का आयोजन भी किया जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान में चुटकी देवी मंदिर के आसपास के भू भाग को एक मंदिर समित द्वारा बेच दिया गया है। उस भू भाग पर अब आवासीय प्लाटिंग किया जा रहा है। उन्ही व्यापारियों द्वारा चुटकी मंदिर को चार दिवारी से घेर दिया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है कि चुटकी देवी की नित्य यात्रा पर श्रद्धालु कम ही आते हैं,परन्तु यंहा होने वाले वार्षिक मेले पर बहुत भीड़ होती है। चुटकी देवी मंदिर के चारों ओर खाली स्थान पर मेला लगता था परन्तु एक वर्ष पूर्व इस भूमि पर आवासीय योजना के तहत निर्माण किया जा रहा। जोकि गलत है। अब यंहा होने वाले मेले के लिए बिल्कुल जगह नहीं बची है। प्रशासन को शीघ्र ही कुछ करना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत