NAGESHWARNATH (नागेश्वरनाथ-81)
January 31, 2022SWARGDWAR (स्वर्गद्वार-79)
January 31, 2022
पता- यह स्थान स्वर्गद्वार क्षेत्र में राम की पैड़ी पर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर के बाहर दीवाल से सटा कर लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार अयोध्या के वैभव तीर्थ गौरव के दर्शन हेतु शीतांशुचन्द्रदेव स्वरूप धारण कर यंहा उपस्थित हुए एवं विधिपूर्वक शास्त्रकथित रीति से समस्त तीर्थों की यात्रा किये। वे अनेक आश्चर्यजनक अनुभव पाकर चकित हो पड़े। उनकी यात्रा से संतुष्ट होकर भगवान हरि वंहा प्रकट हुए। इससे उनकी चंद्रहरि ऐसी संज्ञा हुई।
मान्यता- मान्यता अनुसार स्वर्गद्वार में स्नान करके प्रत्येक जन को चंद्रहरि जी के दर्शन अवश्य करने चाहिए। यंहा की वार्षिक यात्रा ज्येष्ठ की पूर्णिमा सरयू जन्मोत्सव के समय करना कर्तव्य है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में मंदिर के गर्भगृह में भगवान चंद्रहरि जी की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। गर्भगृह के बगल में एक विशाल शिवलिंग स्थापित है जिस के भीतर एक ही शिवलिंग पर सभी द्वादश ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जन राम की पैड़ी पर फैले गंदगी को ले कर नाराज थे। यंहा भी उनका कहना था कि सरकार द्वारा लाखों करोड़ों रुपये खर्च किये जा रहे लेकिन यंहा फिर भी कभी सफाई नहीं होती।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत