NAL-NEEL (नल-नील-18,19)
February 2, 2022RUKMINI KUND (रुक्मिणी कुण्ड-16)
February 2, 2022
पता- यह स्थान अयोध्या श्री राम अस्पताल के ठीक पीछे स्थित है।
किवदंती- अयोध्या महात्म्य के अनुसार जब अंगद जी अपने चाचा श्री सुग्रीव जी के साथ अयोध्या आये तो वह भी प्रभु श्री राम की सेवा में लग गए और सुग्रीव जी के साथ रामदुर्ग की सुरक्षा में इसी टीले पर निवास करने लगे।
मान्यता- रामचरितमानस में तुलसी दास जी द्वारा वानरवीरों के लिए लिखे गए एक दोहे में युवराज अंगद का नाम भी आता है।
द्विबिद मयंद नील नल अंगद गद बिकटासि।
दधिमुख केहरि निसठ सठ जामवंत बलरासि॥54॥
वाल्मीकि रामायण में इन सभी वानर यूथपतियों का विस्तृत वर्णन मिलता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान में इस टीले पर एक छोटी मन्दिर का निर्माण हुआ है एवं टीले के चारों ओर बड़ी-बड़ी झाड़ियां उगी हुई है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थान निर्जन है इस कारण यंहा स्थानीय जनों की राय सम्भव नहीं है।
स्वटिप्पणी- मेरे मत में यह स्थान रामजन्मभूमि परिसर से बिल्कुल सटा हुआ है। स्थान के आसपास प्रयाप्त मात्रा में जमीन भी स्थित है। अंगद जी के इस टीले का जीर्णोद्धार एवं रख रखाव का कार्य प्रशासन द्वारा किया जाना चाहिए।