DHANAKSHAY KUND (धनक्षय कुण्ड-67)
February 1, 2022
MAHABHARSHAR KUND (महाभरसर कुण्ड-65)
February 1, 2022

VRIHASPATI KUND (बृहस्पति कुण्ड-66)

पता- अयोध्या टेढ़ी बाजार चौराहे पर यह कुण्ड स्थित है। शिलालेख- शिलालेख कुण्ड के सामने सड़क के किनारे असुरक्षित स्थित में लगा हुआ है। किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार उर्वशी कुण्ड के पूर्व दिशा में अति मनोहर तीर्थ कमलों से सुशोभित बृहस्पति कुण्ड नाम से प्रसिद्ध है। जो मनुष्य के सभी पापों को दूर करने वाला है। इस तीर्थ पर स्वयं देवगुरु निवास करते हैं।इस तीर्थ पर उत्कृष्ट बुद्धि वाले बृहस्पति जी ने विधिपूर्वक यज्ञ किया था। मान्यता- मान्यताओं के अनुसार यंहा की वार्षिक यात्रा भादों सुदी पञ्चमी को की जाती है। दूसरा पर्व दिन प्रत्येक बृहस्पतिवार को यंहा की यात्रा फल देने वाली है। जिसके गोचर में बृहस्पति अरिष्ट स्थानपर हों वह नर गुरुवार के दिन अपने नाम से संकल्प करके इस तीर्थ पर स्नान करे उसे बृहस्पति की पीड़ा नहीं होती है। वर्तमान स्थिति- वर्तमान में इस तीर्थ की स्थिति अत्यंत दयनीय है। इस कुण्ड को चारों ओर से पाट कर इस पर अतिक्रमण किया जा रहा है। कुण्ड के उत्तर एवं पूर्व दिशा की ओर भवन निर्माण किया जा रहा एवं पश्चिम और दक्षिण दिशां की ओर छोटी छोटी आस्थाई दुकाने लगी हुई हैं। स्वटिप्पणी- यह स्थान अयोध्या के मुख्य मार्ग पर स्थित है और यंहा आने वाले पर्यटकों के मन में अयोध्या के प्रति सरकार के कार्यों पर बड़ा प्रश्नचिन्ह बनाते हैं। इसलिए प्रशासन को शीघ्र ही कुण्ड की जीर्णोद्धार हेतु कोई कदम उठाना चाहिए।

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