CHAKRA TIRTH (चक्रतीर्थ-71)
February 1, 2022CHUTKI DEVI (चुटकी देवी-69)
February 1, 2022
पता- उदया पब्लिक स्कूल से परिक्रमा मार्ग से अयोध्या की तरफ लगभग 1 किलोमीटर आगे जाने पर बायीं ओर यह स्थान पड़ता है। इस गाँव का नाम चक्रतीर्थ ही है।
शिलालेख- आज से लगभग 80 वर्ष पूर्व यह शिलालेख श्री विष्णुहरि मन्दिर के साथ सरयू जी के बाढ़ में समा गया।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार एक बार एक वेद वेदांत पारंगत ब्राह्मण तीर्थ यात्रा पर अयोध्या आये, जिनका नाम विष्णु शर्मा था। वह इसी स्थल पर निवास करने लगे। वे भगवान विष्णु का साक्षात्कार करने के लिए अत्यंत कष्ट सहन करते हुए घोर तप करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान प्रकट हुए एवं भगवान विष्णु ने कहा ब्रह्मन अपने नाम में मेरा नाम जोड़कर मेरी मूर्ति यंहा स्थापित करो। कार्तिक शुक्ल पक्ष दशमी से पूर्णिमा तक यंहा की यात्रा विशेष फल देने वाली होगी। इसके समीप स्थित चक्रतीर्थ में स्नान कर के विष्णुहरि का दर्शन करने वालों को सभी कष्टों से मुक्ति मिलेगी।
मान्यता- पौराणिक ग्रंथों में वर्णित है कि यह स्थान अयोध्या के सप्तहरियों में से एक है।
वर्तमान स्थिति- जैसा कि ऊपर बताया गया है कि आज से लगभग 80 वर्ष पूर्व यह मन्दिर सरयू जी के बाढ़ में समा गया था।
स्वटिप्पणी- मेरे मत में इसी स्थान के समीप वामदेव का स्थान स्थित है। उस मंदिर में लगी प्रतिमा ही विष्णुहरि के मंदिर की प्रतिमा जान पड़ती है। क्योंकि अन्य हरि मंदिरों में लगी प्रतिमाओं एवं इस प्रतिमा में अत्यधिक समानता है। यह शोध का विषय है।