YOGNI KUND (योगिनी कुण्ड -101)
January 31, 2022YAMSTHAL (यमस्थल -99)
January 31, 2022
पता- यह स्थान अयोध्या शहर के उत्तर दिशा में चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर ककरही बाजार मोहल्ले में पड़ता है।
शिलालेख- शिला की स्थिति सही है मगर इसको स्थानीय लोगों गेरुआ रंग से रंग कर इसके लेख के साथ थोड़ा छेड़ छाड़ की है।
किवदंती- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम के पुत्रों लव और कुश द्वारा स्थापित 108 शिवलिंगों में से एक यह भी है।
मान्यता- वर्तमान में इस स्थान पर विध्नेश्वरनाथ जी के साथ साथ दुर्गा जी की भी प्रतिमा स्थापित है और शिवरात्रि व श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व पर विध्नेश्वरनाथ जी का श्रृंगार के साथ विशेष पूजन-अर्चन होता है और हर वर्ष शिवरात्रि के मौके पर शहर में निकलने वाली शिव बारात पूरे नगर का भ्रमण करते हुए इसी स्थान (विध्नेश्वरनाथ जी) पर विश्राम लेती है।
वर्तमान स्थिति- मंदिर वर्तमान समय मे बहुत ठीक स्थिति में है। स्थानीय लोगों ने मिलकर मंदिर के देखरेख हेतु एक समिति भी बनाई है। इसी समिति ने वर्ष 1993 में इस शिवाले का जीर्णोद्धार शुरू किया और तब से ही समय समय पर मंदिर के देख रेख से मंदिर परिसर भव्य और सुंदर बना हुआ है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय लोगों का कहना है, इस स्थान के पौराणिक मान्यताओं का प्रचार प्रसार होना चाहिए।
स्वटिप्पणी- यह स्थान भी चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित है, हर वर्ष परिक्रमा करने लाखों लोग अयोध्या आते हैं। इस लिए विध्नेश्वरनाथ जी से जुड़ी हुई सभी जानकारियों का प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है।