KUTILA SARYU SANGAM (कुटिला सरयू संगम – 148)
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SWAPNESHWARI DEVI (स्वप्नेश्वरी देवी-146)
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VARASROTKUTILA SANGAM (वरस्रोत कुटिला संगम- 147)

पता- यह स्थान गोंडा जिले के नवाबगंज बाजार से ढेमवा घाट की ओर जाने वाले मार्ग पर लगभग 6 किलोमीटर आगे जाने पर चौखडिया घाट नामक प्रसिद्ध स्थान पड़ता है। यह स्थान इसी घाट पर बने पुल के दाहिनी ओर स्थित है। शिलालेख- यह शिलालेख वर्तमान में मंदिर के बगल कुटिला तट पर लगा हुआ है। शिलालेख का वास्तविक स्थान यंहा से लगभग 400 मीटर पूर्व दिशा में था। वरस्रोत कुटिला का संगम उसी स्थान पर है। मगर वर्तमान में वह स्थान निर्जन है इसी कारण सुरक्षा के दृष्टिकोण से स्थानीय जनों ने इस शिलालेख को स्थानान्तरित कर के यंहा लगा दिया। किवदंती- अयोध्या माहात्म्य के अनुसार इस तीर्थ स्थान पर कार्तिक पूर्णिमा को विधिपूर्वक स्नान,दान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मान्यता- लगभग 22 वर्ष पूर्व यंहा के स्थानीय निवासी एवं पूर्व ग्राम प्रधान चौखडीया श्री दशासुमेर सिंह जी द्वारा अपनी भूमि को दान स्वरुप दे कर कुटिला तट पर सामूहिक सहयोग से एक हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया गया। यंहा के पुजारी श्री पटेश्वरी प्रसाद शुक्ल जी बताते हैं कि वर्तमान में इस मंदिर परिसर में एक हनुमान जी का मंदिर एक दुर्गा जी मंदिर एवं एक निर्माणाधीन शिवाला है। यंहा हर वर्ष कार्तिक माह की पूर्णिमा को विशाल मेले का आयोजन होता है। वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यंहा का मंदिर परिसर बहुत सुंदर ढंग से बना हुआ है मगर वास्तविक वरस्रोत कुटिला का संगम आज भी उपेक्षित हालत में है। जंहा कुटिला पूर्ण रूप से जलकुम्भीयों से पट गईं हैं वंही वरस्रोत भी अब एक बरसाती नाले का रूप ले चुकी हैं। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जन का कहना है की शासन प्रशासन द्वारा कुटिला नदी की सफाई करवाई जाये एवं वरस्रोत कुटिला का संगम तीर्थ का जीर्णोद्धार करवाया जाये। स्वटिप्पणी- स्थानीय जन से सहमत

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