VARASROTKUTILA SANGAM (वरस्रोत कुटिला संगम- 147)
January 28, 2022
SHREE LAXMI JI (श्री लक्ष्मी जी -145)
January 28, 2022

SWAPNESHWARI DEVI (स्वप्नेश्वरी देवी-146)

पता- नवाबगंज से ढेमवा घाट मार्ग पर लगभग 14 किलोमीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर साखीपुर गाँव की ओर मुड़ने वाली सड़क पर 1 किलोमीटर अंदर जाने पर ग्रामसभा गोकुला में यह स्थान स्थित है। शिलालेख- यह शिलालेख श्री लक्ष्मी जी के मंदिर के ठीक सामने उत्तर दिशा में लगभग 300 मीटर की दूरी पर स्थित है। किवदंती- अयोध्या माहात्म्य के अनुसार कुछ विशेष मंत्रो के साथ विधि पूर्वक पूजा करने पर स्वप्नेश्वरी जी स्वप्न में भक्त जनों को शुभ,अशुभ बता देंती है एवं जीवन में आने वाली विपदाओं से पहले पूर्वाभास करवा देतीं हैं। माता स्वप्नेश्वरी को यंहा वराह रूप में पूजा जाता है।यंहा मंदिर नष्ट हो जाने के कारण स्थानीय जनों ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रतिमा को इसके सामने स्थित लक्ष्मी मंदिर में रख दिया जंहा पर उनकी पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता- वर्तमान समय में स्थानीय महिलाएं हर सोमवार व शुक्रवार को यंहा पूजा करने आती हैं एवं समय समय पर आपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर यंहा पर हलवा पुड़ी का प्रसाद भी चढ़ाती हैं। वह प्रसाद इसी स्थान पर बनाया जाता है जिसे स्थानीय भाषा में कढाई चढ़ाना बोलते हैं। वर्तमान स्थिति- वर्तमान में इस स्थान पर मात्र एक वट वृक्ष है। इसी वट वृक्ष के नीचे एक छोटे चबूतरे पर देवी पिंड स्थापित है। स्थानीय लोग इसी देवी पिंड एवं वट को पूजते हैं। लोग बताते हैं बहुत समय पहले यंहा भी एक मंदिर हुआ करती थी मगर फिर वंहा एक वट वृक्ष निकल गया और धीरे धीरे इसी वट वृक्ष ने पुरे मंदिर को तोड़ दिया। नोट- शिलालेख क्रमांक 144 गोकुलग्राम श्री कुण्ड 145 श्री लक्ष्मी जी 146 स्वप्नेश्वरी देवी यह गोकुलातीर्थ क्षेत्र के अंदर ही आते हैं। यह क्षेत्र लगभग 500 मीटर में फैला हुआ है। इस सम्पूर्ण तीर्थ क्षेत्र के अधिकारिक स्वामी स्वयं राम जी हैं। वर्तमान में इस क्षेत्र के महन्त सुरेशदास जी एवं पुजारी शत्रुघ्न दास जी हैं। यंहा स्थित श्री लक्ष्मी जी की मंदिर में विगत वर्षों में कई बार चोरी का प्रयास किया गया एवं यंहा के पुजारियों पर प्राणघातक हमले किये गए मगर स्थानीय लोग बताते हैं कई बार की चोरियों के प्रयास के बाद भी चोर कभी यंहा की प्रतिमाओं को गोकुलाग्राम से बाहर नहीं ले जा सके जिसे स्थानीय लोग दैवीय कृपा के रूप में देखते हैं। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय लोगों का कहना है सर्व प्रथम मुख्य मार्ग से गोकुलाग्राम तीर्थ को आने वाली सड़क का चौड़ीकरण एवं पुनः निर्माण कराया जाये, श्री लक्ष्मी जी का मंदिर पूर्ण रूप से जर्जर हो गया है जो बरसात में टपकता है उसकी मरम्मत कराइ जाये,स्वप्नेश्वरी जी के मंदिर का वजूद मिट चूका है वंहा पुनः मंदिर का निर्माण करवा कर स्वप्नेश्वरी जी को स्थापित किया जाये। स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत

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