PRASHAR ASHRAM(पराशर आश्रम -122)
January 28, 2022PRAMOD VAN (प्रमोद वन -120)
January 28, 2022
पता- अयोध्या-रायबरेली राजमार्ग पर बारुन बाजार से 300 मीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर अंदर 700 मीटर चलने पर ग्रामसभा खिहारन में यह स्थान स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर परिसर में अनजान बिरवा के वृक्ष के नीचे लगा हुआ है।
किवदंती- किवदंतियों के अनुसार यह वही स्थान है जंहा पर महाराज दशरथ जी द्वारा शिकार खेलते समय श्रवण कुमार जी को तीर लगा था। आज भी यंहा एक बड़ा तालाब स्थित है।
मान्यता- स्थानीय मान्यता अनुसार यंहा स्थित तालाब में प्रत्येक रविवार एवं मंगलवार को स्नान करने से सभी प्रकार के चर्म रोगों से मुक्ति मिलती है। यंहा प्रतिवर्ष शरद पूर्णिमा के दिन विशाल मेला होता है एवं नवम्बर माह में किसी एक दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यह स्थान लगभग 8 बीघे में फैला हुआ है। इस स्थान को स्थानीय लोग कई नामों से जानते हैं। पितृ तीर्थ के कारण लोग इसे पितिया तालाब के नाम से भी जानते हैं। मुख्यता इस स्थान को अब अंधी-अंधा के नाम से जाना जाता है। यंहा अनेक प्रकार के वृक्ष लगे हुए हैं। जिनमें एक प्राचीन वृक्ष भी है जिसकी मान्यता है कि श्रवण कुमार जी ने अपनी काँवर इसी वृक्ष पर लटकाई थी। यंहा के पुजारी श्री कृष्णाचार्य जी बताते हैं की आज तक इस वृक्ष की पहचान न हो पाने के कारण लोग इसे अनजान बिरवा कहते हैं। वर्तमान में यह स्थान अयोध्या स्थित सुग्रीव किला की देख रेख में है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जन यंहा प्रकाश लाइट की व्यवस्था चाहते हैं।
स्वटिप्पणी- स्थानीय प्रधान को इस स्थान के रख-रखाव में सहयोग की जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए।