VIGHNESHAJI (श्री विध्नेश-35)
February 1, 2022SHRIVIBHISHANJI (श्री विभीषण-33)
February 1, 2022
पता- यह स्थान विभीषण कुण्ड के बगल से कनक भवन को जाने वाले मार्ग पर 100 मीटर आगे जाने पर दायीं ओर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख एक अशोक के वृक्ष के नीचे सड़क किनारे दीवार से सटा कर लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम में रामकोट के वर्णन में रामकोट के उत्तरी द्वार पर श्री विभीषण जी के पूर्व में उनकी पत्नी सरमा जी के स्थान के विषय में भी वर्णित किया गया है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यंहा मात्र यह शिलालेख ही बचा है इसके आस के भवन एवं मंदिरों में जानकारी करने पर ज्ञात हुआ कि यंहा सरमा जी का कोई मंदिर अब अस्तित्व में नहीं है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है कि पौराणिक मान्यताओं को ध्यान में रख कर सरमा जी के एक मंदिर निर्माण का प्रयास किया जाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत