ANGADJI (अंगद जी-17)
February 2, 2022KSHIRESHWARNATH (क्षीरेश्वरनाथ)
February 2, 2022
पता- जलवानपुरा मोहल्ला अयोध्या जी
शिलालेख- शिलालेख को कुछ वर्ष पूर्व भू-माफियाओं द्वारा नष्ट कर दिया गया है।
किवदंती- श्री अयोध्या महात्यम के अनुसार बृहस्पति कुण्ड के दक्षिण में रुक्मिणी कुण्ड स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार यदुवंश विभूषण श्री कृष्ण जी अयोध्यापुरी आये।
उन्होंने अपनी आठों पटरानियों रुक्मणि,जाम्बवन्ती,सत्यभामा,
कालिन्दी,मित्रबिन्दा,सत्या,भद्रा और लक्ष्मणा के साथ यंहा एक महीने तक निवास किया। उसी समय रुक्मिणी देवी ने आपने नाम का एक कुंड स्थापित किया तभी से श्री कृष्ण उस कुण्ड में विष्णु रूप में निवास करने लगे।
मान्यता- मान्यताओं के अनुसार यंहा की वार्षिक यात्रा कार्तिक बदी नवमी को होती है। इस दिन जो नर या नारी यंहा विधि पूर्वक पूजा पाठ कर के स्नान करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। पुत्रहीन नर पुत्र वाला हो जाता है लक्ष्मी वाला हो जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान इस कुण्ड को पाट कर उस पर अवैध रूप से मकान बनाये जा रहे हैं।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय निवासी सतेंद्र जी कहते हैं, हम सभी के सामने देखते देखते ये कुण्ड भू माफियाओं द्वारा पाट दिया जा रहा है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए और शीघ्र ही इस कुण्ड को अतिक्रमण से मुक्त करवाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत