HANUMAN GARHI (हनुमान गढ़ी-10)
February 2, 2022
KANAK BHAWAN (कनक भवन-8)
February 2, 2022

RAMKOT (रामकोट-9)

पता- हनुमान गढ़ी से रामजन्मभूमि की ओर 400 मीटर पर। शिलालेख- यह शिलालेख राजा दशरथ के महल जिसे सभी बड़ा स्थान के नाम से भी जानते हैं। उसी के ठीक सामने लगा हुआ है। किवदंती- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी महल में प्रभु श्री राम का जन्म हुआ था। आज भी प्रभु श्री राम के साथ साथ लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जी यंहा बाल रूप में पूजे जाते हैं। सामान्य तौर पर प्रत्येक मंदिर में भगवान को स्नान कराने और पूजन के बाद भोग लगाया जाता है पर यहां विराजमान भगवान को बालक रूप में मानकर जागरण के साथ ही उन्हें मेवा-मिश्री का भोग लगाया जाता है। मान्यता- यह स्थान पौराणिक अयोध्या नगर के लगभग मध्य में स्थित है। मुख्य द्वार पर लगे एक बोर्ड के अनुसार वर्तमान में इस स्थान को लोग बाबा श्री राम प्रसाद जी महाराज के अखाड़े के रूप में जानते हैं,जिसे बड़ा स्थान या बड़ी जगह भी कहा जाता है। वर्तमान स्थिति- यह स्थान लगभग 25 बीघा में फैला हुआ है। परिसर में ही अतिथि गृह, संत निवास, यज्ञशाला, गौशाला,उद्यान आदि निर्मित हैं। मंदिर का मुख्य द्वारा लगभग 40 फिट ऊँचा है,जिसके कारण महल की भव्यता और बढ़ जाती है। मुख्य मंदिर के दर्शन के लिए मुख्य द्वारा से प्रवेश करने के बाद एक और परिसर पार करना करना पड़ता है। मन्दिर में दाहिनी ओर एक हनुमान जी का मंदिर भी स्थापित है। वर्तमान में यंहा के महंत श्री देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज हैं। स्वटिप्पणी- यंहा स्थित शिलालेख को स्थानांतरित करने की आवश्यकता है। क्योंकि शिलालेख सड़क के तिराहे पर असुरक्षित लगा हुआ है। यह कभी भी किसी अनियंत्रित वाहन की चपेट में आकर खंडित हो सकता है।

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