HANUMAT KUND (हनुमत कुण्ड-47)
February 1, 2022
SUGRIVA KUND (सुग्रीव कुण्ड-46)
February 1, 2022

RAMGHAT (रामघाट-45)

पता- यह स्थान कारसेवकपुरम से पश्चिम की ओर जाने वाले मार्ग पर तपस्वी जी की छावनी के बगल पड़ता है। शिलालेख- शिलालेख तपस्वी छावनी के पूर्व सड़क पर असुरक्षित स्थिति में लगा हुआ है। किवदंती- पौराणिक ग्रंथों के अनुसार सरयू तट के घाटों में रामघाट की महिमा सबसे अधिक है। अयोध्या महात्यम में कहा गया है कि चैत्र रामनवमी को इस घाट पर सभी देवी-देवता, सुर, असुर, नर, नाग, यक्ष, गन्धर्व, किन्नर, पिशाच, नक्षत्र, ब्रह्मादि देवता प्रभु के जन्मोत्सव पर यंहा स्नान करके राघवेंद्र सरकार का दर्शन कर विशुद्ध भाव को प्राप्त होते हैं। मान्यता- वर्तमान में यंहा कोई घाट नहीं है इसी कारण यंहा की कोई वर्तमान मान्यता नहीं है। वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में सरयू नदी की धारा भौगोलिक परिस्थितियों के कारण यंहा से बहुत पीछे चली गईं हैं। जिस कारण यंहा अब कोई घाट नहीं रह गया है। जानकारियों के अनुसार आज से लगभग 80 से 90 वर्ष पूर्व तक सरयू यंहा से बहती थीं। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है कि राम नाम के इस घाट का शिलालेख जो कि उपेक्षित स्थित में है। उसे सुरक्षित किया जाए। स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत हूँ एवं मेरे मत में इस स्थान के समक्ष सरयू नदी पर इस नाम का एक घाट बनाया जाना चाहिए।

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