CHYAVANASHRAM (च्यवनाश्रम-123)
January 28, 2022
SHRAWANASHRAM (श्रवणाश्रम -121)
January 28, 2022

PRASHAR ASHRAM(पराशर आश्रम -122)

पता- अयोध्या-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर सोहावल टोल से लगभग 5km आगे जाने पर कांटा चौराहा है। इसी चौराहे से बाई ओर (दक्षिण दिशा) चलने पर देवराकोट ग्राम सभा है। इसी ग्राम सभा के प्राथमिक विद्यालय के ठीक बगल यह आश्रम स्थित है। शिलालेख- शिलालेख आश्रम में स्थित एक विशाल पीपल वृक्ष के नीचे सुरक्षित स्थिति में लगा हुआ है। किवदंती- पौराणिक कथाओं के अनुसार यह स्थान श्री पराशर मुनि की जन्मस्थली है। मान्यता- वर्तमान समय में यह स्थान झन्डहवा बाबा के नाम से अधिक जाना जाता है। कुछ लोग इसे डाकोरदास बाबा की कुटिया के रूप में भी जानते हैं। वास्तविकता में यह स्थान श्री पराशर मुनि की जन्मभूमि के रूप में स्थापित की गई थी,मगर वर्तमान समय में इस स्थान के नाम परिवर्तन की एक रोचक कथा है। आश्रम के परिसर में एक विशालकाय बरगद का वृक्ष है। उस वृक्ष के शाखाओं और तनों की प्रशाखाओं से ऐसी आकृति उभरी जो पहाड़ उठाये हुए हनुमान जी की तरह लगती है। तभी से स्थानीय लोगों ने उस आकृति पर महावीरी का लेपन कर के यंहा हनुमान जी का स्थान बना दिया एव यंहा नियमित पूजा पाठ प्रारम्भ हो गया। यंहा लगातार अखण्ड रामायण पाठ,सुन्दर कांड के साथ साथ श्रद्धालु झंडा एवं हनुमान जी का पताका लगाने लगे तभी से इस स्थान का नाम झन्डहवा बाबा के रूप में प्रसिद्ध हो गया। वर्तमान स्थिति- परिसर के मुख्य मंदिर में विष्णु भगवान की एक प्राचीन प्रतिमा स्थापित है, जो की पत्थर से निर्मित है, विष्णु भगवान के समुख राम-दरबार की अष्टधातु की प्रतिमांए स्थापित हैं। मुख्य मंदिर के समुख एक प्राचीन शिवाला भी जिसे नवीन रूप दे दिया गया है। शिवाले में स्थित शिवलिंग पंचमुखी है जो संगमरमर से निर्मित है एवं अत्यंत मनमोहक है।पराशर आश्रम के पुराने मंदिर का जीर्णोधार पिछले छः-सात वर्षो में हुआ। जिसमे विशेष कर सोहावल तृतीय से जिला पंचायत सदस्य श्रीमती आशा सिंह एवं उनके प्रतिनिधि श्री अर्जुन कुमार सिंह गुड्डू का विशेष योगदान रहा। वर्तमान में इस स्थान पर पूजा पाठ के साथ देख रेख का कार्य बाबा रामसेवक दास जी द्वारा किया जा रहा। जो यंहा पर श्री मणिराम दास जी की छावनी द्वारा यंहा नियुक्त किये गए हैं। स्थानीय लोगों की राय- देवराकोट के स्थानीय निवासी अवनीश तिवारी जी कहते हैं की इस मंदिर परिसर का रख रखाव का कार्य स्थानीय जनों के सहयोग से हो जाता है मगर मुख्य मार्ग से आने वाली सड़क का हाल बहुत बुरा है यंहा आने के लिए गाँव के मध्य से घूम कर आना पड़ता है। उनका कहना है शासन को शीघ्र यंहा सड़क निर्माण करवाना चाहिए। स्वटिप्पणी- स्थानीय जन से सहमत

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