GOKULA GRAM SHRI KUND (गोकुलग्राम श्री कुण्ड -144)
January 28, 2022AGASTYA JI (अगस्त्य जी -142)
January 28, 2022
पता- गोण्डा जिले के तरबगंज थाने से दक्षिण दिशा में बंधा मार्ग से लगभग 13 किलोमीटर दूरी पर यह स्थान स्थित है।
शिलालेख-
किवदंती- पौराणिक कथाओं के अनुसार श्री पराशर मुनि अयोध्या के कुल गुरु वशिष्ठ जी के पौत्र थे। ऋषि पराशर परम ज्ञानी थे।
मान्यता- प्राचीन ग्रंथों एवं पुराणों के अनुसार ऋषि पराशर और उनकी पत्नी माता सत्यवती की संतान महर्षि व्यास जी जो कि भगवान विष्णु के सत्रहवें अवतार माने गए हैं। उन्होंने महाभारत समेत 18 महान ग्रंथों की रचना की थी। वेद व्यास आठ चिरंजीवियों (नश्वरों) में से एक हैं।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यह आश्रम अत्यंत उपेक्षित है। पहले यंहा ऋषि पराशर की अत्यंत सुंदर अष्टधातु की प्रतिमा स्थापित थी, जो कि कुछ वर्षों पूर्व यंहा से चोरी हो गई। वर्तमान में यंहा एक प्रस्तरमूर्ति स्थापित है। यंहा एक अत्यंत प्राचीन खंडित विष्णु प्रतिमा के अवशेष भी हैं। जिसके विषय में स्थानीय जनों से बातचीत करने से ज्ञात हुआ कि इस प्रतिमा को औरंगजेब के शासन में खंडित कर दिया गया था। मंदिर के बगल एक पराशर कुण्ड भी है जो कि लुप्त होने के कगार पर है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है। अयोध्या चौरासी कोस क्षेत्र का यह एक विशेष स्थान है। शासन प्रशासन को शीघ्र इसका जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत