GOBRATAR GHAT (गोप्रतारघाट -96)
January 31, 2022SHITALADEVI (शीतला देवी (बड़ी देवकाली)-94)
January 31, 2022
शिलालेख- वर्तमान में यह शिलालेख एक मंदिर परिसर में सुरक्षित स्थिति में है।
पता- अयोध्या कैंट बोर्ड में निर्मली कुण्ड नाम पर एक पूरा मोहल्ला बसा है। यह कुण्ड अयोध्या के सुप्रसिद्ध गुप्तार घाट के समीप है।
किवदंती- अयोध्या महात्म्य के एक कथन अनुसार वृत्रासुर को मारकर ब्रह्म-हत्या दोष से युक्त इंद्र यंहा स्नान मात्र से निष्पाप हुए थे। यंहा की वार्षिकी यात्रा श्रावण पूर्णिमा को प्रसिद्ध है।
मान्यता- वर्तमान मान्यता में अयोध्या नगर व आसपास के क्षेत्रों में शारदीय नवरात्र में लगने वाले दुर्गा पूजा में प्रतिमाओं का विसर्जन यंही किया जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में यह कुण्ड पूर्ण रूप से लुप्त हो चुका है। सहादतगंज से कम्पनी गार्डन को जाने वाली सड़क कुछ आगे जाने पर बाएँ ओर एक सड़क निर्मली कुण्ड मोहल्ले में जाति है।इस सड़क के दाहिनी ओर निर्मली कुण्ड मोहल्ला है और बाई ओर सरयू जी बहती हैं। उस सड़क पर 200 मीटर आगे जाने पर बाएँ ओर कभी निर्मली कुण्ड हुआ करता था। मगर बारिश के मौसम में जब सरयू जी किनारे की ओर बढ़ती हैं तो निर्मली कुण्ड उसी में लुप्त हो जाता है। यही प्रक्रिया निरन्तर कई वर्षों से चली आ रही जिसके कारण सरयू जी में बह कर आने वाली रेत से यह कुण्ड धीरे धीरे पट गया और आज यह कुण्ड पूर्णतया विलुप्त हो गया।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय लोगो का कहना है। इस स्थान से सभी लोग परचित हैं और नवरात्र में दुर्गा जी के प्रतिमाओं के विसर्जन में यंहा लाखों लोग आते हैं।इस लिए इस कुण्ड को पुनर्जीवित किया जाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत