SAROVAR (श्री सरोवर (लक्ष्मीकुण्ड)-93)
January 31, 2022
GIRIJA KUND (गिरजाकुण्ड-91)
January 31, 2022

MANTRESHWAR (मन्त्रेश्वर जी-92)

पता- यह स्थान चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर जनौरा गाँव में स्थित है। शिलालेख- शिलालेख मंदिर परिसर के द्वार पर लगा हुआ है। किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार श्री मन्त्रेश्वर महादेव की प्रतिष्ठा स्वयं प्रभु श्री राम चन्द्र जी ने की थी। यंहा आकर सुन्दर पुष्प,धूप,दीप नैवेधादि द्वारा इनका पूजन करना चाहिए और अपने इष्ट मन्त्र का जप थोड़ी देर बैठकर अवश्य करें वह अनन्त फल देने वाला होता है। मन्त्रेश्वर की महिमा पूर्ण रूप से वर्णन करना किसी के लिए सम्भव नहीं है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रामभद्र से कालदेव की मन्त्रणा इसी स्थल पर महा प्रस्थान के सम्बन्ध में हुई थी। जिसका यह स्मृति स्थान है। मान्यता- वर्तमान मान्यता में शिवरात्रि के दिन जौनारा ग्रामवासियों द्वारा यंहा विशेष पूजा का आयोजन होता है एवं शिव बारात निकाली जाती है। ऐसी मान्यता है कि भगवान मंत्रेश्वर सदैव ग्रामवासियों की रक्षा करते हैं। वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में मन्त्रेश्वर महादेव के मुख्य गर्भगृह में जिस विराट शिवलिंग की पूजा होती है,उसे अभी हाल के वर्षों में ही प्रतिष्ठित किया गया है। जनौरा ग्राम के ही निवासी सुमित सिंह जी बताते हैं की कुछ वर्षों पूर्व किसी शराबी व्यक्ति ने यंहा के प्राचीन शिवलिंग को उठाकर गिरजा कुण्ड में दाल दिया था। जिसके पश्चात ग्राम वासियों के सहयोग से जयपुर से दूसरा शिवलिंग लाकर उसकी पुनः प्राण प्रतिष्ठा कर के यंहा स्थापित किया गया है एवं साथ ही साथ पुरे मंदिर परिसर का जीर्णोधार कार्य किया गया है, मगर अभी हाल के दिनों में ग्राम के ही स्थानीय निवासी द्वारा शिवाले के प्राचीन अरघे को तोड़ कर स्थानांतरित किया गया है। इस कारण वर्तमान में स्थानीय लोगों ने इस कार्य का विरोध शुरू कर दिया है। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय लोगों का कहना है। सैकड़ों वर्षों से इस मंदिर में सामूहिक सहयोग से पूजा पाठ का कार्य किया जाता रहा है। मगर कुछ वर्षों से मंदिर परिसर पर अवैध कब्जे के उद्धेश से जनौरा ग्राम सभा के एक परिवार मंदिर परिसर के भीतर ही रहने लगा है। जिसका ग्राम वासी विरोध कर रहे। स्वटिप्पणी- मंदिर पर एक स्थानीय व्यक्ति द्वारा एक भू माफिया के संरक्षण में कब्जा किया जा रहा है। यह विषय न्यायालय में जाये या और अधिक विवादों में पड़े उससे पहले स्थानीय प्रशासन द्वारा हस्तक्षेप कर के मंत्रेश्वर जी को मुक्त कराना चाहिए।

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