VRIHASPATI KUND (बृहस्पति कुण्ड-66)
February 1, 2022DURBHARSHAR KUND (दुरभरसर कुण्ड-64)
February 1, 2022
पता- महोवरा बाजार चौराहे से NH 24 की ओर जाने वाले मार्ग पर लगभग 500 मीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर यह स्थान है।
शिलालेख- शिलालेख मुख्य मार्ग के किनारे एक बिजली के खम्बे के बगल असुरक्षित स्थिति में लगा हुआ है।
किवदंती- श्रीअयोध्या महात्म्य के अनुसार इसी स्थान पर श्रीहरि विष्णु व शिव मंत्रणा कर रहे थे, तभी महाभरि व दुर्भरि नामक दो भाई कमल पुष्प को कंधे पर लेकर वहां पहुंच गए और विश्राम करने लगे। इन कमल पुष्पों को देखकर भगवान शिव व भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए, दर्शन देकर वरदान दिया कि यहीं पर तुम दोनों के नाम पर दुर्भरसर और महार्भरिसर तीर्थ होंगे। इनमें स्नान करने वाले लोग मनवांछित फल प्राप्त करेंगे। मोहबरा-महाभरि शब्द का अपभ्रंश है।
मान्यता- मान्यता अनुसार महाभरसर तीर्थ की वार्षिक यात्रा भादों वदी चतुर्दशी को होती है इस तिथि को यंहा स्नान, दान,शिवपूजा एवं विशेष रूप से विप्रपूजा की मान्यता है
वर्तमान स्थिति- अयोध्या के महोवरा बाजार के पास महाभरसरि सरोवर स्थित है, जो उपेक्षित अवस्था में है। वर्तमान समय में कुण्ड पर अवैध कब्जा कर के कुण्ड को खेत में बदल दिया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है की यह स्थान नेशनल हाइवे के समीप है और यंहा के आसपास की भूमि पर भू माफियाओं की नजर रहती है, अगर प्रशासन द्वारा शीघ्र ही कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो यह तीर्थ भी लुप्त हो जायेगा।
स्वटिप्पणी- वर्तमान में यह स्थान एक ग्राम सभा में स्थित है स्थानीय प्रशासन को मनरेगा कार्यों के माध्यम से कुण्ड का जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।