RUKMINI KUND (रुक्मिणी कुण्ड-16)
February 2, 2022
KSHIRSAGAR (क्षीर सागर-14)
February 2, 2022

KSHIRESHWARNATH (क्षीरेश्वरनाथ)

पता- श्री राम चिकित्सालय के सामने शिलालेख- शिलालेख मंदिर के मुख्य द्वार के बगल सुरक्षित लगा हुआ है। किवदंती- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस प्राचीन शिवलिंग की स्थापना स्वयं राजा दशरथ जी ने की थी। मंदिर में लगे एक शिलालेख के अनुसार यह मंदिर अयोध्या के दक्षिण में श्री रामजन्मभूमि के समक्ष केंद्रीय स्थान पर स्थापित है। राजा दशरथ जी द्वारा इस स्थान पर पुत्र प्राप्ति हेतु गोदुग्ध से रुद्राभिषेक किया गया। मान्यता- मान्यताओं के अनुसार इनकी प्रदक्षिणा चंद्राकार करनी चाहिए तथा त्रिंदल बिल्वपत्र, चन्दन, जलयुक्त अधोमुख ही चढ़ाना चाहिए जिनमें चक्र-चिह्न एवं व्रज न हों। इनका विधिपूर्वक पूजन करने वाला सम्पूर्ण कामनाओं की सिद्धि एवं बुद्धिमान, विद्वान पुत्र प्राप्त करता है। वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में बहुत ही सुंदर ढंग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया है। मंदिर में सम्पूर्ण सावन मास श्रद्धालुओं की भारी भीड़ आती है। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है की जितना मंदिर के पौराणिक महत्व इस मंदिर का है उतना ही इसके समीप स्थित क्षीरसागर कुण्ड का भी है। उस पर से अतिक्रमण हटवा कर उसका भी जीर्णोद्धार कराया जाना चाहिए। स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow by Email
YouTube
LinkedIn
Share
Instagram
WhatsApp
//]]>