SUMITRA KUND (सुमित्रा कुण्ड-62)
February 1, 2022DASHARTHA KUND
February 1, 2022
पता- काल्पनिक दशरथ कुण्ड से थोड़ा आगे जाने पर तिलोदकी नदी पड़ती है(आज कल लोग इसे तिलई नाला बोलते हैं) इसी के साथ साथ जाने वाले मार्ग पर लगभग 800 मीटर आगे जाने पर बायीं ओर यह स्थान स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख लुप्तप्राय कुण्ड के सामने झाड़ियों में लगा हुआ है। इस पर से कुण्ड के नाम को मिटाने का प्रयास किया गया है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार दशरथ कुण्ड के साथ कौशल्या कुण्ड की यात्रा भी भाद्र पूर्णिमा को की जाती है।
मान्यता- वर्तमान समय में यंहा की कोई स्थानीय मान्यता नहीं है।
वर्तमान स्थिति- एक स्थानीय महिला से बातचीत करने पर ज्ञात हुआ कि इस कुण्ड को एक मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति द्वारा पाट कर बेच दिया गया है और आज इसकी आवासीय प्लाटिंग की जा रही है। कुण्ड के दाहिनी ओर एक प्राचीन कुआँ आज भी स्थित है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय निवासी बताते हैं कि इस कुण्ड का बहुत थोड़ा सा भाग गंदे पानी के रूप में बचा हुआ है। अगर शीघ्र ही कोई कार्यवाही नहीं कि गई तो इस कुण्ड का अस्तित्व भू माफियाओं द्वारा समाप्त कर दिया जाएगा।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत