SARYU GHAGHRA SANGAM (सरयू घाघरा संगम – 138)
January 28, 2022Ramdak Sthan (रमणक स्थान -136)
January 28, 2022
पता- यह स्थान सोहावल तहसील के हरिबंधनपुर में सरयू तट पर स्थित है। अयोध्या-लखनऊ राजमार्ग पर पूरे कीरत कांटा चौराहे से दाहिनी ओर चार किलोमीटर की दूरी पर घृताची कुंड का शिलालेख है।
शिलालेख- शिलालेख स्थान पर लगा हुआ है।
किवदंती- श्रीअयोध्या महात्म्य के अनुसार घृताची नाम की अप्सरा ने श्री वत्स ऋषि की तपस्या को भंग किया था। ऋषि ने उसे शाप दे दिया। शाप मुक्ति के लिए उसने ऋषि से प्रार्थना की तो ऋषि ने उसे सरयू स्नान का आदेश दिया। इसके बाद घृताची ने इसी पुण्य तीर्थ पर स्नान किया और शाप मुक्त हो गई। तभी से यह तीर्थ घृताची तीर्थ या घृताची कुंड कहलाता है।
मान्यता- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यंहा के वार्षिक यात्रा पौष शुक्ल चतुर्दशी को मानी गई है। इस दिन यंहा एक विशाल मेला लगता है जिस यंहा के लोग घियारी का मेला कहते हैं। घियारी शब्द ध्रताची का अभ्रंस जान पड़ता है। स्थानीय जन बताते हैं की अब यह मेला भी हर वर्ष कम ही होता जा रहा है। मेले के दिन यंहा आने वाली दुकानों को कांटा चौराहे पर ही स्थानीय दुकानदारों द्वारा रोक लिया जाता है जिसके कारण विगत कुछ वर्षों से यह मेला यंहा के बजाये कांटा चौराहे पर लगने लगा है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान में यह कुण्ड पूर्णतया लुप्त हो चूका है। यंहा लगे शिलालेख से समीप कुछ गड्ढे बचे हुए हैं। जिसे स्थानीय लोग धीरे धीरे पाट कर उस पर अवैध कब्जा कर रहे। यंहा कुछ ईंटो के सहारे हनुमान जी की एक प्रतिमा रखी हुई है एवं उसके ठीक सामने एक शिवलिंग स्थापित है।इस स्थान की देखरेख एवं पूजा-पाठ का कार्य गाँव के ही एक हरिजन समुदाय के पुजारी बाबा रामदास द्वारा किया जा रहा जो यंहा लगभग 15 वर्षों से एक कुटिया बना कर रह रहे हैं। इन्ही के द्वारा सामाजिक सहयोग से इसी स्थान पर एक शिवाले का निर्माण कार्य कराया जा रहा था। जिसे स्थानीय प्रधान द्वारा बलपूर्वक गिरवा दिया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है की प्रशासन को इस मंदिर के निर्माण में सभी प्रकार का सहयोग करना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत