DASHARTHA KUND
February 1, 2022
MANI PARWAT (मणि पर्वत-58)
February 1, 2022

GANESHA KUND (गणेश कुण्ड-59)

पता- यह कुण्ड मणिपर्वत के ठीक पीछे स्थित है। शिलालेख- शिलालेख सड़क के किनारे कुण्ड के तट पर एक खजूर के वृक्ष से सटा कर लगा हुआ है। किवदंती- श्री अयोध्या महात्यम के अनुसार मणिपर्वत से दक्षिण में उत्तम गणेशकुण्ड तीर्थ स्थित है। इन्द्रियों को वश में कर के ॐ नमः श्री गणेशाय इस मन्त्र से यंहा पूजन करने से श्री गणेश मनुष्य के सभी विघ्नों को नष्ट करते हैं। यंहा की वार्षिक यात्रा माघ मास के कृष्णपक्ष के चतुर्थी को होती है। मान्यता- वर्तमान स्थिति- वर्तमान में कुण्ड पर दक्षिण दिशा से अतिक्रमण किया जा रहा है एवं स्थानीय चरवाहों द्वारा अपने मवेशियों को इस कुण्ड नहलाने का कार्य किया जा रहा है। कुण्ड का जल अत्यंत दूषित है यह न स्नान करने योग्य है न आचमन करने योग्य। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों को कुण्ड के विषय में कोई जानकारी नहीं है। स्वटिप्पणी- प्रशासन को शीघ्रता से इस कुण्ड को साफ करा कर इसके सीमांकन का कार्य किया जाना चाहिए जिससे इस कुण्ड को अतिक्रमित होने से बचाया जा सके।

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