SHATABALIJI (शतवली-28)
February 2, 2022
DADHIMUKH (दधिमुख-26)
February 2, 2022

DURGESHWAR (दुर्गेश्वर-27)

पता- यह स्थान रत्न सिंहासन मंदिर से कैकेयी भवन होते हुए कटरा मोहल्ले की ओर जाने वाले मार्ग पर स्थित है। शिलालेख- शिलालेख मंदिर के सामने बायीं ओर लगा हुआ है। किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार अयोध्या के मध्य में स्थित रामदुर्ग के पश्चिमी द्वार की सुरक्षा में स्वयं शिव जी दुर्गेश्वर नाथ के रूप में यंहा विराजमान हैं। मान्यता- मान्यता अनुसार इस मंदिर को राजा रघु ने स्थापित किया था। यंहा के पुजारी रमाकांत पांडेय जी बताते हैं कि रामजन्मभूमि के चारो ओर फेंसिंग से पहले जन्मभूमि से नियमित साधु यंहा पूजा करने आते थे। वर्तमान स्थिति- मंदिर के मुख्य गर्भगृह के ऊपर लगे पत्थरों के अनुसार 2005 में सामाजिक सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया था। परन्तु आज भी मंदिर की स्थिति जस की तस है। मंदिर में स्वक्षता का अभाव है। मंदिर के मुख्य गर्भगृह के पूर्व में एक और शिवलिंग स्थापित है उस शिवलिंग के साथ गणेश जी की एक अत्यंत प्राचीन प्रतिमा भी स्थापित है। मंदिर के बाहर पूर्व दिशा में एक विशाल वट वृक्ष है। इसी वट वृक्ष के नीचे एक प्राचीन कुआँ भी स्थित है। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है कि दुर्गेश्वरनाथ जी का मंदिर अयोध्या में शिव जी के प्रमुख शिवालयों में से एक है। प्रशासन द्वारा शीघ्र इसका जीर्णोद्धार किया जाना चाहिए। स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत

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