MAHABHARSHAR KUND (महाभरसर कुण्ड-65)
February 1, 2022BHARATA KUND (भरत कुण्ड-63)
February 1, 2022
पता- यह स्थान महोवरा चौराहे से पश्चिम दिशा को जाने वाले मार्ग पर लगभग 100 मीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख को भू-माफियाओं द्वारा गायब कर दिया गया है।
किवदंती- श्रीअयोध्या महात्म्य के अनुसार इसी स्थान पर श्रीहरि विष्णु व शिव मंत्रणा कर रहे थे, तभी महाभरि व दुर्भरि नामक दो भाई कमल पुष्प को कंधे पर लेकर वहां पहुंच गए और विश्राम करने लगे। इन कमल पुष्पों को देखकर भगवान शिव व भगवान विष्णु प्रसन्न हो गए, दर्शन देकर वरदान दिया कि यहीं पर तुम दोनों के नाम पर दुर्भरसर और महार्भरिसर तीर्थ होंगे। इनमें स्नान करने वाले लोग मनवांछित फल प्राप्त करेंगे।
मान्यता- मान्यता अनुसार महाभरसर तीर्थ की वार्षिक यात्रा भादों वदी चतुर्दशी को होती है इस तिथि को यंहा स्नान, दान,शिवपूजा एवं विशेष रूप से विप्रपूजा की मान्यता है
वर्तमान स्थिति- वर्तमान में भू-माफियाओं द्वारा इस कुण्ड को पाट कर इस पर अवैध निर्माण कराया जा रहा है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों से बातचीत करने से यह ज्ञात हुआ की दो वर्ष पूर्व एक व्यक्ति द्वारा यंहा लगे शिलालेख को उखाड़ कर कुण्ड के समीप स्थित एक कुएं में डाल दिया गया और कुण्ड पर कब्जा कर लिया गया, एवं इस सभी जनों का कहना है की कानूनी कार्यवाही कर के प्रशासन को कुण्ड का जीर्णोद्धार कार्य करवाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत एवं यह कुण्ड भी एक ग्राम सभा में स्थित है स्थानीय प्रशासन को मनरेगा कार्यों के माध्यम से कुण्ड का जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।