Shri Ram Janmabhoomi
January 30, 2022SITA KUND (सीताकुण्ड -116)
January 31, 2022
पता- सीता कुण्ड के दक्षिण तट पर यह मंदिर स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर बगल दक्षिण दिशा में लगा है
किवदंती- श्री यतीन्द्र मिश्र जी आपनी पुस्तक शहरनामा फैजाबाद में लिखते हैं की एतिहासिक मान्यता अनुसार श्री राम के पूर्वज महराज रघु का जन्म इन्ही दुग्धेश्वर जी की कृपा से हुआ था। वशिष्ठ मुनि की गौ नन्दिनी के स्तनों से प्रवाहित दुग्धधारा से भगवान आशुतोष प्रकट हुए थे, जिनकी प्रतिष्ठा के लिए भगवान श्री रामचंद्र जी ने इस शिवलिंग की स्थापना श्री दुग्धेश्वर के रूप में की। यह कथा स्कन्द पुराण के पूर्वोक्त खण्ड में दी गयी है। भादों सुदी चतुर्दशी को यंहा की यात्रा की मान्यता है।
मान्यता- स्थानीय निवासी इन्द्रजीत जी से बातचीत एवं मंदिर परिसर में लगे पोस्टरों के आधार पर यह ज्ञात हुआ की आज भी यंहा महाशिवरात्रि पर्व पर मेले का आयोजन होता है।
वर्तमान स्थिति- दुग्धेश्वर जी के मंदिर दर्शन के पश्च्यात ज्ञात होता है मंदिर के आसपास का भू-भाग जमीन से ऊपर है एवं वर्तमान मंदिर से सट कर लगे वट वृक्ष के तनों में भी पुरानी मंदिर के अवशेष दिखाई पड़ते हैं। इससे यह ज्ञात होता है पूर्व में यह मंदिर कितना भव्य एवं विशाल रहा होगा। वर्तमान में यह मंदिर बहुत छोटे आकार का है। जिसे टाइल्स एवं पत्थरों से सजाया गया है। मंदिर से सट कर एक छोटा सा धर्मशाला भी जिस पर लिखी जानकारी के अनुसार यह नवीन मंदिर एवं धर्मशाले का निर्माण श्री रामराज मिश्र एवं श्री राम पदारथ मिश्र द्वारा 1984ई में कराया गया है।