SUGRIV KILA (सुग्रीव किला-13)
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RAMSABHA (रामसभा-11)
February 2, 2022

DANTDHAAVAN KUND (दंतधावन कुण्ड-12)

शिलालेख- कुण्ड के बायीं ओर एक एक पान की गुमटी के नीचे शिलालेख स्थित है। पता- हनुमान गढ़ी चौराहे से फैजाबाद की ओर जाने वाले मार्ग पर 200 मीटर आगे जाने पर बायीं ओर जो सड़क गई है उसी मार्ग पर 500 मीटर आगे यह कुण्ड स्थित है। किवदंती- एक समय कौडिल्य नामक ब्राह्मण आकर विश्राम पूर्वक स्नान कर रहे थे,जोर से वायु चलने के कारण उनका मृगचर्म उड़ कर कुण्ड में जा गिरा,जिससे उस मृग का तत्काल दिव्य विग्रह हो गया और वह दिव्य विमान पर चढ़कर अप्सराओं से सेवित हो परमधाम को जाने लगा,जाते समय श्री राम जी के पूछने पर उसने अपना परिचय दिया कि मैं पूर्वजन्म में एक वैश्य था। धन के मद में गर्वित हो शास्त्र की मर्यादाओं का उलंघन करके काल-यापन करता था। वेश्याओं से आसक्त चित मैंने एकदिन अनजान में ही तुलसी में जल डाल दिया। मरने के बाद उसी पूण्य से फल स्वरूप मृगयोनि मिलकर मेरा चर्म भजनशील महर्षि की सेवा में लगा, जिससे मुझे इस तीर्थ का स्पर्श प्राप्त हुआ। यंहा के दिव्य प्रभाव से मेरे सम्पूर्ण पाप नष्ट हो गए और यह उत्तम पद मिला,अब आपके प्रसाद से मैं समस्त दुःखों से रहित हो गया हूँ। इतना कह कर श्री राम की परिक्रमा करते हुए वह दिव्य साकेत को चला गया। मान्यता- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रभु श्री राम आपने भाइयों के साथ नित्य यंहा दातुन किया करते थे। इस तीर्थ की वार्षिक यात्रा श्री राम नवमी को होती है। वर्तमान स्थिति- कुण्ड की वर्तमान स्थिति बेहतर है। कुण्ड में जल की मात्र अपेक्षाकृत अधिक है। स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों के अनुसार अन्य कुण्डों के अपेक्षा यह कुण्ड बेहतर स्थिति में है एवं कुण्ड में वर्ष भर जल भी रहता है, परन्तु समय समय पर साफ सफाई न होने के कारण कुण्ड का पानी सड़ने लगता है। इसलिए स्थानीय प्रशासन द्वारा समय-समय पर कुण्ड के रख रखाव एवं साफ सफाई की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत

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