SUSHENJI (सुषेण जी-20)
February 2, 2022ANGADJI (अंगद जी-17)
February 2, 2022
पता- यह स्थान श्री रामजन्मभूमि के अधिग्रहित परिसर में स्थित है।
शिलालेख- श्री रामजन्मभूमि परिसर में है।
किवदंती- अयोध्या महात्म्य के अनुसार शिल्प विद्या के ज्ञाता विश्वकर्मा जी के पुत्र श्री नल एवं नील जी रामदुर्ग के दक्षिण में विराजमान हैं।
मान्यता- वाल्मीकि रामायण एवं रामचरितमानस के लंका कांड में नल-नील जी का वर्णन मिलता है। कथाओं के अनुसार जामवंत जी के आदेशानुसार इन्ही दोनों भाइयों को रामसेतु निर्माण जी जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इन दोनों शिल्पकारों (इंजीनियर) द्वारा सागर पर सेतु बांधने का वर्णन रामचरितमानस में कुछ इस प्रकार है-
वर्तमान स्थिति- परिसर में सुरक्षा कारणों से प्रवेश वर्जित है।
स्थानीय लोगों की राय- परिसर में सुरक्षा कारणों से प्रवेश वर्जित है।
स्वटिप्पणी- श्री रामजन्मभूमि मन्दिर निर्माण के साथ साथ परिसर के इन सभी स्थानों का जीर्णोद्धार भी किया जाना चाहिए।