VIBHISHAN KUND (विभीषण कुण्ड-36)
February 1, 2022SHARMAJI (सरमाजी-34)
February 1, 2022
पता- यह स्थान मत्तगजेंद्र जी के मंदिर के ठीक पीछे के जंगल में स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख झाड़ियों के बीच लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार श्री विभीषण जी की पत्नी सरमा जी के पूर्व में श्री विघ्नेश जी विराजते हैं। इन्हें विघ्नेश्वर श्री गणेश भी कहा जाता है। इनका दर्शन करने से मनुष्यों को विघ्नों द्वारा कष्ट नहीं मिलता है।
मान्यता- स्थान पर कोई मन्दिर नहीं है इस लिए यंहा कोई स्थानीय मान्यता भी नहीं है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में इस स्थान पर लगभग 8 से 10 फिट की कटीली झाड़ियों का जंगल फैला हुआ है। यह झाड़ियां इतनी घनी है कि इसमें स्थान के शिलालेख को खोजने में हमे 3 दिन लगे।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों को इस स्थान के विषय में कोई जानकारी नहीं है। वो कहते हैं यह जमीन विवादित है इस लिए आसपास के लोग यंहा कम ही आते जाते हैं। चारों ओर से यंहा कूड़ा कचरा फेका जाता है और लोग यंहा शौच के लिए आते हैं।
स्वटिप्पणी- स्थान की सफाई करवा कर यंहा विघ्नेश जी का मंदिर निर्माण किया जाना चाहिए।