KAUSHALYA KUND (कौशल्या कुण्ड-61)
February 1, 2022GANESHA KUND (गणेश कुण्ड-59)
February 1, 2022
पता- परिक्रमा मार्ग से मोहबरा बाजार से अयोध्या जाने वाले मार्ग पर लगभग 1 किलोमीटर आगे जाने पर यह स्थान स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख कई वर्षों पूर्व स्थानांतरित कर के नवीन परिक्रमा मार्ग के किनारे एक तालाब के किनारे लगा दिया गया है। आज इसे ही दशरथ कुण्ड माना जाता है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार दशरथ कुण्ड की यात्रा एवं स्नान, दान भाद्र पूर्णिमा को करना चाहिए। जिससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मान्यता- वर्तमान दशरथ कुण्ड पँचकोसी परिक्रमा मार्ग के किनारे पर स्थित है। यह वास्तिवक कुण्ड नहीं है। परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालु इस तालाब के जल में स्नान,आचमन आदि करते हैं।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में अयोध्या में कलयुग का जीवित उदाहरण यह दशरथ कुण्ड है। आज श्रद्धालु जिस दशरथ कुण्ड का दर्शन पूजन करते हैं। वास्तव में वह हैवतपुर गाँव का गंदा पानी एकत्र करने का तालाब है। कुछ वर्ष पूर्व किसी धूर्त भू-माफिया द्वारा मुख्य कुण्ड को पाट कर कब्जा कर लिया और उसका शिलालेख उखाड़ के लाकर इस गंदे पानी के तालाब के किनारे गाड़ दिया था और धीरे धीरे लोग इसे ही दशरथ कुण्ड मान लिए। इसी तालाब में पूरे हैबतपुर गाँव के नालियों शौचालयों का गंदा कचरा ला कर गिराया जाता है और परिक्रमा में आने वाले श्रद्धालु इसी जल से स्नान और आचमन करते हैं।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय निवासी राजकुमार वर्मा जी बताते हैं वह कई बार इस विषय को लेकर शासन प्रशासन के पास गए मगर कंही कोई सुनवाई नहीं कि गई।
स्वटिप्पणी- यह कुण्ड अयोध्या के पौराणिक महत्व को कलंकित करने वाला है। शीघ्र की कठोर कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है।