BRAHMA KUND (ब्रह्म कुण्ड-72)
February 1, 2022VISHNUHARI (विष्णुहरि-70)
February 1, 2022
पता- उदया पब्लिक स्कूल से परिक्रमा मार्ग से अयोध्या की तरफ लगभग 1 किलोमीटर आगे जाने पर बायीं ओर यह स्थान पड़ता है। इस गाँव का नाम वही चक्रतीर्थ ही है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर के सामने सामुदायिक शौचालय के किनारे असुरक्षित हालात में लगा हुआ है। स्थानीय लोग इसी के ऊपर पेशाब करते हैं।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार एक बार एक वेद वेदांत पारंगत ब्राह्मण तीर्थ यात्रा पर अयोध्या आये, जिनका नाम विष्णु शर्मा था। वह इसी स्थल पर निवास करने लगे। वे भगवान विष्णु का साक्षात्कार करने के लिए अत्यंत कष्ट सहन करते हुए घोर तप करने लगे। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान प्रकट हुए। भगवान ने अपने सुदर्शन-चक्र से खोदकर इस तीर्थ का निर्माण किया। तभी से यह तीर्थ चक्रतीर्थ नाम से प्रसिद्ध हुआ।
मान्यता- वर्तमान मान्यता में इस मंदिर में एक देवी प्रतिमा स्थापित है। जिसे स्थानीय लोग अखाड़ा माता के रूप में पूजते हैं। यंहा प्रत्येक वर्ष जेष्ठ माह के किसी भी बुधवार को वार्षिक पूजा एवं भंडारे का आयोजन किया जाता है।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में मंदिर जर्जर हालत में एवं मंदिर के भीतर बहुत गंदगी है। मंदिर के गर्भगृह के समीप ही अनेक प्राचीन खण्डित मूर्तियों के अवशेष रखे हैं। कुछ वर्ष पूर्व स्थानीय नेता श्री लल्लू सिंह जी द्वारा यंहा एक बड़े हाल का निर्माण कराया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है मंदिर की दशा दयनीय है। प्रशासन को शीघ्र ही इसका जीर्णोद्धार करवाना चाहिए।
स्वटिप्पणी- स्थानीय जनों से सहमत हूँ। यंहा लगे शिलालेख को जल्द से जल्द स्थानांतरित करने की आवश्यकता है।