JAANKI GHAT (जानकी घाट-83)
January 31, 2022NAGESHWARNATH (नागेश्वरनाथ-81)
January 31, 2022
पता- यह स्थान डेराबीबी मोहल्ले में बेतिया मंदिर के बगल स्थापित है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर के बाहर मुख्यद्वार पर लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या महात्यम के अनुसार एक समय धर्मराज स्वयं अयोध्या दर्शन हेतु आये और अयोध्या धाम के दर्शन से प्रसन्न होकर दोनों हाथ उठाकर नृत्य करते हुए 'विष्णुपुरी धन्य है' 'अयोध्या का महात्यम अतुल है' का जयघोष करने लगे। इससे प्रसन्न होकर विष्णु भगवान ने उन्हें यंहा दर्शन दिए एवं उनकी कामना अनुसार इस तीर्थ को धर्महरि नाम प्राप्त हुआ।
मान्यता- वर्तमान मान्यता में यह स्थान चित्रगुप्त जी के मंदिर के रूप अधिक प्रसिद्ध है। मंदिर में यमदुतिया के दिन विशेष दीपदान का उत्सव मनाया जाता है। जिसमें मुख्यरूप से कायस्थ समाज के लोग शामिल होते हैं।
वर्तमान स्थिति- मंदिर के देखरेख एवं जीर्णोद्धार का कार्य भी कायस्थ धर्म सभा द्वारा कराया जा रहा है। जिसमे मुख्य रूप से मंदिर का मुख्य गृभगृह मंडप शामिल है। जो बनकर तैयार है और उनमें सम्पूर्ण रामदरबार के साथ मुख्यरूप से धर्महरि जी की प्राचीन प्रतिमा, चित्रगुप्त जी एवं यम जी स्थापित हैं।
स्थानीय लोगों की राय-
स्वटिप्पणी-