MANASTIRTH (मानस तीर्थ -126)
January 28, 2022GAUTAMASHRAM (गौतमाश्रम -124)
January 28, 2022
पता- अयोध्या-प्रयागराज राजमार्ग पर भरतकुंड से 1 किलोमीटर आगे जाने पर एक टोल पड़ता है, उस टोल को पार करते ही बायीं ओर एक कच्ची सड़क गई है। उसी सड़क पर 1 किलोमीटर पर ग्रामसभा पिपराताल में यह स्थान स्थित है।
शिलालेख- इस शिलालेख के साथ काफी अज्ञानता की गई है। सर्वप्रथम इसको अज्ञानता से इसके वास्तविक स्थान से हटा कर नन्दीग्राम में भरत कूप के समीप लाकर गाड़ दिया गया है, साथ मे इसके वास्तविक लेख से भी छेड़छाड़ की गई है। शिलालेख पर लिखे ‘माण्डव्याश्रम’ को विकृत कर के माण्डव्यीश्रम कर दिया गया है।
किवदंती- यह स्थल माण्डव्य ऋषि की तपोस्थली रही है। उन्होंने ही अपने तपोबल से तमसा नदी की उतपत्ति इसी स्थान पर की थी।
वर्तमान स्थिति- वर्तमान समय में तमसा नदी के दक्षिणी तट पर प्रमोदवन में इस स्थान पर मुस्लिम समाज द्वारा एक अवैध मजार का निर्माण कर दिया गया है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय जनों का कहना है यंहा स्थित प्रमोदवन में माण्डव्य ऋषि के स्थान पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा एक अवैध मजार बना दी गई है। जिसे प्रशासन को शीघ्र ही हटवा कर उस स्थान पर पुनः माण्डव्य ऋषि का आश्रम बनाया जाए।
स्वटिप्पणी- सर्वप्रथम शिलालेख को उसको वास्तविक स्थान पर पुनः स्थापित किया जाए और स्थानीय लोगों को उस स्थान के महत्व के बारे में बताया जाए।