NANDIGRAM (नन्दीग्राम -130)
January 28, 2022GAYAKUND (गयाकुण्ड -128)
January 28, 2022
पता- यह स्थान अयोध्या से प्रयागराज जाने वाले मार्ग पर लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
शिलालेख- स्थापन काल में यह शिलालेख कुण्ड के पश्चिम दिशा में था, अब उसे स्थान्तरित कर के उत्तर-पश्चिम के कोण पर कुण्ड के सीढियों पर स्थापित कर दिया गया है।
किवदंती- अयोध्या तीर्थ क्षेत्र में इस तीर्थ का विशेष महत्व है। यंही पर रहकर त्रेतायुग में भगवान श्री राम के छोटे भाई भरत जी ने श्री राम की अनुपस्थिति में कोशल राज्य का संचालन किया था, तथा श्री राम, लक्ष्मण, सीता जी की तरह वैभवशाली जीवन को त्याग कर निर्वासित रहते हुए यंही 14 वर्षों तक निवास किया था।
मान्यता- ‘भरतकुण्ड’ क्षेत्र में वर्तमान समय में अनेक मंदिर और स्थान हैं। यह स्थान तप और त्याग की भूमि कहि जाती है। इस कुण्ड के जल को सरयू जल के बराबर महत्व दिया जाता है। अयोध्या धाम आने वाले श्रद्धालु इस तीर्थ पर अवश्य जाते हैं। आसपास के साधू संतो को साधना एवं ध्यान के लिए यह तीर्थ बहुत प्रिय है।
वर्तमान स्थिति- कुछ वर्षों पूर्व तक कुण्ड बहुत दयनीय दशा में था,परन्तु स्थानीय लोगों और प्रशासन के सहयोग से बहुत सुन्दर ढंग से कुण्ड का जीर्णोधार कार्य करवाया गया। वर्तमान समय में कुण्ड की स्थिति बेहतर है। वर्ष में एक बार यंहा भरत कुण्ड महोत्सव भी मनाया जाता और उत्सव के मौके पर कुण्ड एवं आसपास के स्थानों की साफ सफाई भी की जाती है जिससे कुण्ड पुनः जीवित हो उठा है।
स्थानीय लोगों की राय- स्थानीय लोगों का कहना है। इस स्थान को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
स्वटिप्पणी- इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।