SWAPNESHWARI DEVI (स्वप्नेश्वरी देवी-146)
January 28, 2022GOKULA GRAM SHRI KUND (गोकुलग्राम श्री कुण्ड -144)
January 28, 2022
पता- नवाबगंज से ढेमवा घाट मार्ग पर लगभग 14 किलोमीटर आगे जाने पर दाहिनी ओर साखीपुर गाँव की ओर मुड़ने वाली सड़क पर 1 किलोमीटर अंदर जाने पर ग्रामसभा गोकुला में यह स्थान स्थित है।
शिलालेख- शिलालेख मंदिर के ठीक सामने लगा हुआ है।
किवदंती- अयोध्या माहात्म्य के अनुसार श्री कुण्ड में स्नान कर के श्री जगदम्बा,लक्ष्मी जी का पूजन विधि पूर्वक पितृ तर्पण करके दान देकर नर दरिद्रता से छुटकारा पा जाता है। यह लक्ष्मी क्षेत्र महापीठ साधकों को सिद्धि देने वाला है। नवरात्र की अष्टमी को जो नर यंहा की यात्रा तथा विधि पूर्वक पूजन करता है। उसके घर को लक्ष्मी कभी नहीं छोडती।
मान्यता- यंहा की मान्यता अनुसार जो जन नित्य यंहा की यात्रा करते हैं उन्हें धन धान्य की कभी कमी नहीं होती। जब मै मंदिर परिसर में था तब एक स्थानीय निवासी वंहा ध्यान की मुद्रा में थे। उनकी पूजा के समाप्त होने के पश्चात उनका परिचय भवानी फेर सिंह के रूप में प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया की उनके परिवार में पहले धन के आभाव जीवनयापन में परेशानीयों का सामना करना पड़ता था उसके पश्चात वो नित्य श्री कुण्ड में स्नान कर के श्री लक्ष्मी जी के दर्शन करने आते हैं। वर्तमान समय में उनके दोनों पुत्र नौकरी में परिवार सूख में है। उनका मानना है यह सब उनकी यंहा की नित्य यात्रा फल है।
वर्तमान स्थिति- यह मंदिर आज से लगभग 45 वर्ष पूर्व तक काष्ठ (लकड़ी) से बनी हुई थी। मगर रख रखाव के आभाव में वह गिर गई वर्तमान में स्थानीय निवासी राम समुज जी द्वारा बनवाई गई मंदिर यंहा स्थापित है।